Shwetamber Jain Temple in Merta, Nagaur
108 श्री विजय चिंतामणि पार्श्वनाथ, मेडता सिटी
नागौर जिले की तहसील मेडता सिटी में चिंतामणि पार्श्वनाथ प्रभु की श्वेतवर्ण की सौम्य आकर्षक सात फणों से युक्त पद्मासन मुद्रा में अति प्राचीन प्रतिमाजी 19× 15" विराजित है।
प्रकट प्रभावी चमत्कारिक प्रभु प्रतिमा जी के दर्शन मात्र से कर्म क्षय होकर अनेक पुण्यफलों की प्राप्ति होती है।
मेड़ता शहर पूर्व काल में (मेदिनीपुर) मेड़तापुर के नाम से प्रख्यात नगरी थी। जैनधर्म की यहाँ पर बहुत ही लीलालहर रही। इसलिए नगर में 14 प्राचीन जैन मंदिर प्रतिष्ठित है।
पूज्यआचार्यश्री अभयदेवसुरि जी म.सा. द्वारा इस नगर में शासन प्रभावना के अनेक कार्यों के प्रमाण मिलते हैं। पूज्य आचार्य भगवंत ने हजारों श्लोकों से परिपूर्ण “भवभावना” ग्रन्थ की रचना मेड़ता व छत्रापल्ली में की थी।
अकबर प्रतिबोधक जगद्गुरु श्रीहीरविजयसूरीजी म.सा. का संवत 1639 में इस क्षेत्र में पदार्पण हुआ था। उस समय यहाँ का सुलतान जैन मंदिरों से टैक्स (कर) वसूली किया करता था। पू. आचार्य भगवंत ने सुलतान को प्रतिबोध किया और टैक्स बंद कराया।
मेडता नगरी पहले जैन श्रावकों से आबाद थी आज भी मेड़ता में 14 भव्य जैन जिनालय विद्यमान है।
बस स्टैंड से लगभग 1.5 किमी. की दूरी पर श्री विजय चिंतामणि पार्श्वनाथ का भव्य जिनालय है। इस क्षेत्र को पार्श्वनाथ वाडी के नाम से जाना जाता है।
संवत 1987 में श्री संघ ने इस जिनालय का निर्माण कराया। प्रतिमाजी पर संवत 1997 का लेख है।
पद्मासन मुद्रा में 19 ×15 इंच इस प्रतिमा के दर्शन से ह्रदय आनंद से भर जाता है।
शनिवार को धरणेन्द्र देव देते हैं दर्शन श्री विजय चिंतामणि पार्श्वनाथ प्रभु के शनिवार को दर्शन करने का विशेष महत्व है। यहां श्रद्धालुओं को घरणेन्द्र देव साक्षात दर्शन देते हैं।
जिनालय के विशाल प्रांगण में कुछ कमरे बने हुए हैं। धर्मशाला एवं भोजनशाला की उपलब्धता नहीं है। लेकिन पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्नान आदि के लिए व्यवस्था है।
श्री विजय चिंतामणि पारनाथ श्वेताम्बर जैन तीर्थ, भाटियाओं का मोहल्ला, मेड़ता सिटी, जिला - नागौर (राजस्थान) 341510
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Merta is a city and a municipality located in Nagaur district. It is well connected with roads.
Train:Merta City Railway Station
Airport: Jaipur