Shwetamber Jain Temple in Rander, Surat
1 of the 108 Parshvnath Prabhuji in India
श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ
सूरत गुजरात के उपनगर रांदेर जो सूरत से 8 किमी. की दूरी पर है रांदेर के निशान फालिया क्षेत्र में मोटा आदिनाथ भगवान का भव्य देरासर है जिसमे श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ प्रभु की चमकदार काले पाषाण से निर्मित दिव्य प्रतिमा 41" × 29" की होकर भव भ्रमण में भटकते प्राणियों को शीतलता प्रदान करते हुए मोक्ष मार्ग का रास्ता दिखाती है। श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ प्रभु 300 वर्ष से अधिक प्राचीन है।
अनेक शास्त्रों में रांदेर के विघ्नहरा पार्श्वनाथ का उल्लेख मिलता है। यह पार्श्वनाथ दादा अपने भक्तों के जीवन के हर दु:ख, बाधा, कष्टों का हरण करते हैं इसलिए इनका नाम विघ्नहरा पार्श्वनाथ प्रतिष्ठित हुआ है।
व्यवस्था संचालन -
श्री आदि नेमीनाथ जैन देरासर पेढी, ( श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ), उत्तम स्ट्रीट निशान फालिया - रांदेर , सूरत गुजरात 395005
98251 44409
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Rander is a suburb of Surat. It is believed that the Jain settlements in Rander dates back to earlier than 1200 AD when Rander was a small prosperous village that formed the hinterland of Suvali.
Surat is a large city beside the Tapi River in Gujarat. Once known for silk weaving, Surat remains a commercial center for textiles. It is well connected with roads.
Train: Utran Railway Station
Air: Surat International Airport