महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गांव नेर में श्री मनोवांछित पार्श्वनाथ प्रभु के प्राचीन जिनालय में पार्श्वनाथ भगवान की चमकदार श्याम वर्णीय पद्मासन अवस्था में 7 फणों से युक्त 20 × 16.5 इंच की कलात्मक परिकर से आवृत दिव्य प्रतिमा श्रद्धालुओं का मन मोह रही है।
मूलनायक मनोवांछित पार्श्वनाथ भगवान की यह प्रतिमा पहले मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में प्रतिष्ठित थी वहीं से लगभग 500 वर्ष पूर्व लाकर यहां प्रतिष्ठित किया गया है। श्रद्धालु भक्तों की मनोकामना पूरी करने के कारण मनोवांछित पार्श्वनाथ के नाम से जाने जाते हैं।
मनोवांछित पार्श्वनाथ प्रभु की यह प्रतिमा भक्तो की अधूरी इच्छाओं और असंतोष को दूर करती है।
यहां धर्मशाला जिनालय से अटैच है तथा भोजनशाला की सुविधा भी पूर्व सूचना के आधार पर उपलब्ध है।
देरासर में मणिभद्र देव की दो प्रतिमा विराजमान है।
जिनालय के सामने स्थित उपाश्रय में 1800 वर्ष प्राचीन घंटी रखी हुई है।
धूलिया सूरत मार्ग पर स्थित नेर धूलिया रेल्वे स्टेशन से 27 किमी. दूर है। अमलनेर से 69 किमी की दूरी पर नेर गांव स्थित है।
व्यवस्था संचालन: श्री मनोवांछित पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, नेर – 424303, जिला: धूलिया- महाराष्ट्र,
Morning: 5:30 AM - 11:30 AM, Evening: 5:30 PM - 8:30 PM,
Ner is a village standing on the Panjhara River in Dhule district of Maharashtra.
Train: Dhule Railway Station
Air: Dhule Airport